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आंगन बाड़ी केंद्र सहायिका के मत्थे, भवन भी जर्जर, गिर रहा छप्पर


प्रभारी परियोजना के मत्थे प्रेमनगर विकास खंड

कोरिया टाईम्स ब्यूरो नंदू यादव 

सूरजपुर/ प्रेमनगर। विकास खंड में स्थाई परियोजना अधिकारी नही होने से व्यवस्था चरमराई हुई है। कई आंगन बाड़ी केंद्रों में सहायिका गायब रहती है तो कई में कार्यकर्ता ही फरार रहती है और प्रतिमाह घर बैठे मानदेय ले रही है। 

सुपर वाइजर कार्यालय में बैठकर फील्ड दौरा कर रही है। इसी कड़ी में प्रेमनगर के ग्राम लक्षमण के कुल्लू बोदार पारा में स्थित आंगन बाड़ी केंद्र का भवन जर्जर हो चुका है। छत का छप्पर गिर रहा है। इस आंगन बाड़ी केंद्र में आंगन बाड़ी कार्यकर्ता नही है। सहायिका के मत्थे चल रहा है। इस जगह में करीब 20 बच्चे आश्रित है। आंगन बाड़ी सहायिका प्रतिदिन बच्चो को घर से लाना और ले जाना किया जा रहा है। इसके साथ ही आंगन बाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए गर्म भोजन, खेलना खिलाना तमाम कार्य सहायिका द्वारा किया जाता है। बल्कि कार्यालय का जानकारी तैयार करना भी सहायिका के मत्थे है। जबकि सुपर वाइजर का कार्य देख रेख करना होता है। किंतु वे कभी फील्ड में आना जाना नही करते है। घर बैठे ही यात्रा भत्ता निकाल रही है।

 स्थानीय ग्रामीण बताते है इस आंगन बाड़ी केंद्र में कभी कोई अधिकारी दौरा नही किए है। आंगन बाड़ी केंद्र का छप्पर गिरने के कारण आंगन बाड़ी केंद्र में बच्चों को भेजने से दुर्घटना का डर बना हुआ है। फिर भी बच्चो को भेजते है।