कोरिया टाईम्स ब्यूरो नंदू यादव
सुरजपुर- महिला एवं बाल विकास के नए प्रभारी कार्यक्रम अधिकारी बनाए के पदभार संभालने के बाद जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति चरमराई हुई है। आंगन बाड़ी केंद्रों के लिए शासन की ओर से दिए जाने वाले पोषण खाद्यान्न सामग्री भी समय पर नही पहुंच रहा है। जिसको लेकर विधानसभा में विधायक ने सवाल भी उठाए थे। इसी कड़ी में प्रेमनगर विकास खंड के एक प्रशिक्षु सुपर वाइजर के मत्थे सीडीपीओ का प्रभार दिए हुए है। इनके द्वारा प्रशासनिक कसावट नही होने से आंगनबाड़ी केंद्र समय पर नहीं खुल रहे है। कुछ आंगन बाड़ी केंद्र समय पर खुल भी रहे है तो भवन की स्थिति दयनीय है, भवन जर्जर है। इसके बाद भी आंगन बाड़ी संचालित जर्जर भवन में किया जा रहा है। देख रेख करने का जिम्मा जिन्हे दिया गया है वो अपने घर में, कार्यालय में बैठकर नौकरी पका रहे है। इसी कड़ी में प्रेमनगर विकास खंड के ग्राम पंचायत नवापारा कला के मोहल्ला राजाकछार पीपर नाखा एक में आंगन बाड़ी संचालित होता है उक्त भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। भवन का छप्पर गिर रहा है। जिसमे कभी भी दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है। इस आंगन बाड़ी केंद्र में लगभग दो दर्जन बच्चे इस आंगन बाड़ी केंद्र में आश्रित है।
स्थानीय ग्रामीण बताते है कि जर्जर भवन को लेकर हमारे द्वारा कलेक्टर कार्यालय में लिखित में शिकायत पत्र दिया गया था। जिसके बाद भी भवन का मरम्मत नही कराया गया है। और ना ही आंगन बाड़ी को अन्य जगह पर शिफ्ट किया गया है। नन्हे बच्चों के परिजन बताते है कि हमें अपने बच्चो को आंगन बाड़ी केंद्र में भेजने में किसी प्रकार की दुर्घटना की संभावना बना रहता है। कभी भी छप्पर गिर सकता है। बिल्डिंग के छत से पानी टपकता है।
स्थानीय ग्रामीण बताते है कि बारिश होने पर हमे आंगनबाड़ी छोड़ कर जाना पड़ता हैं। वार्ड के पंच रामलाल बताते है कि आंगन बाड़ी केंद्र में कभी भी कोई सुपर वाइजर दौरा में नही आते है। आपको बता दें कि कुछ माह पूर्व प्रेमनगर विकास खंड में कई नए सुपर वाइजर ज्वाइन किए हैं। नए प्रशिक्षु सुपर वाइजर भी कार्यालय में ही बैठकर खाना फील्ड के कार्य का खाना पूर्ति करते है। प्रेमनगर विकास खंड के महिला बाल विकास में प्रशिक्षु सुपर वाइजर को परियोजना अधिकार का प्रभार दिए जाने पर बाजार में कई तरह का चर्चा व्याप्त हैं। इस संबध में हमर उत्थान सेवा समिति के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश साहू ने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री, महिला बाल विकास मंत्री को पत्र लिख कर समस्या से अवगत कराया जाएगा।

