आखिर क्या एसईसीएल खदान क्षेत्रों में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं से ग्रामीणों को "वंचित" रखना कहां तक सही है
सुरजपुर - छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार आते ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी ग्रामों को बारहमासी सड़क से जोड़े जाने की लक्ष्य के साथ सरकार विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को लेकर राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए नई-नई योजनाएं भी तैयार कर रही हैं जिसमें ग्राम सड़क योजना मुख्य रुप से सम्मिलित हैं फिलहाल देखना यह है कि 10 - 12 वर्षों से जिस सपकरा पंचायत कि सड़कों का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया क्या वर्तमान सरकार जिले के सुरजपुर विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सपकरा के सुदामा चौक से लेकर कंदरई चौक तक कि बदहाल सड़कों कि स्थिति में अपनी क्या अहम भूमिका निभाती है जहां वर्षों से ना ही सड़क नव निर्माण हुआ, व ना ही पुरानी बदहाल सड़कों की मरम्मत हुई इन तमाम वर्षों में , छत्तीसगढ़ में कई राजनीतिक पार्टियां अपनी - अपनी सरकार बनाई व जिले में विधायकों कि अदला - बदली हुई जहां ग्रामीणों द्वारा तमाम शिकायतें, आवेदन सौंपे गए लेकिन कई वर्ष बीत गए फिर भी सपकरा पंचायत में सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं से लाभान्वित नहीं हो पाए मानों जैसे सबसे जरूरी मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में ग्रहण लगा हुआ है बीते 10 -12 वर्षो से जिले के सपकरा पंचायत में ना ही नई सड़क बनीं और ना ही पुरानी बदहाल सड़कों की मरम्मत हुई है जबकि इतने वर्षों में योजना के तहत बनाई गई सड़कों की अवधि मात्र 4-5 साल रहती है इसके बाद मरम्मत जरूरी होता है लेकिन स्थिति यह है कि योजना शुरु होने के बाद से लेकर अब तक पुराने सड़कों की मरम्मत के नाम पर डामर की पतली परत तक नहीं चढ़ी है मरम्मत के अभाव में बदहाल गड्ढेनुमा सड़कों पर ही आवागमन करना पड़ रहा है जानकारों ने बताया जिला प्रशासन व विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते इतने वर्षों से सपकरा पंचायत कि सड़क का जिर्णोद्धार (विकास) नहीं हो पाया अधिकारी सिर्फ अपनी विभागीय कामकाज व दफ्तर तक ही सिमट गये है कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना जिले में अघोषित रूप से ठप्प हो गई है विभागीय अधिकारी ना तो नई सड़क का काम करा पा रहा है और ना ही बदहाल हो चुकी पुरानी सड़कों की मरम्मत हो रही है ऐसे में आम लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है खास करके ग्रामीण क्षेत्र के रहवासी इस समस्या से जूझ रहे हैं ग्रामीण क्षेत्रों में बनी डामरीकृत सड़कों की हालत बदहाल हो चुकी है क्या सरकार कि योजनाओं का मकसद ग्रामीण इलाकों की आवागमन व्यवस्थित करना नहीं होता।
मुख्यमंत्री सड़क योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों को जोडऩे जहां छोटी लंबाई की सड़कों की जरूरत थी उसके लिए लाया गया था। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मुख्य मार्ग के आसपास के गांव को जिनकी दूरी पांच से सात किलोमीटर तक है, उन्हें योजना के अंतर्गत सीएमजीएसवाई से जोड़ा गया है। इन सड़कों की लंबाई पांच से सात किलोमीटर और चौड़ाई करीब 3.45 किलोमीटर तक होती है। इन सड़कों को केवल ग्रामीणों के आवागमन के हिसाब से पतली बीट डाल कर बनाया जाता है जिसे चार-पांच वर्षों में मरम्मत कराई जाती है लेकिन इस पंचायत का हाल बेहाल है 10 - 12 वर्षों से ना ही नई सड़क बनी न पुरानी बदहाल सड़कों की मरम्मत हुई !!पंचायत प्रतिनिधि क्या कहते हैं -अमित सिंह सरपंच ने बताया कि जिला प्रशासन से व सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए कई बार अधिकारियों के दफ्तरों लेकर वर्तमान सरकार के नेताओं तक चक्कर काटते रहे लेकिन एसईसीएल खदान क्षेत्रों का हवाला देते हुए जिला प्रशासन, नेता, व जिला अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते रहे !!
