अगस्त क्रांति दिवस:- आजादी की अंतिम जंग
कोरिया टाईम्स ब्यूरो रघुवर यादव (सोनहत)
बैकुंठपुर कोरिया। 9 अगस्त को भारत में अगस्त क्रांति दिवस के रूप में बैकुंठपुर राजीव भवन कांग्रेस कार्यालय में मनाया गया. यह भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ का प्रतीक है, जिसने औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया.समस्त कोंग्रेसजनों ने सभी महान वीर शहीद योद्धाओं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों को श्रृद्धांजलि अर्पित की और आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में आजादी में संघर्ष करने वाले सभी क्रांतिकारियों को याद किया गया। आज वह ऐतिहासिक दिन है जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाने और अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ा था। इसीलिए 9 अगस्त की तारीख को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में जाना जाता है। अंग्रेजों के खिलाफ इस लड़ाई में बापू की ओर से दिए गए करो या मरो के नारे का जादुई असर दिखा था।देश को आजादी दिलाने के लिए स्वाधीनता संग्राम सेनानियों ने अपने स्तर पर कई छोट-बड़े आंदोलन चलाए मगर राष्ट्रपिता बापू की ओर से 9 अगस्त 1942 को छेड़े गए अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन ने निर्णायक भूमिका निभाई और इस आंदोलन की ताकत को देखते हुए अंग्रेजों को इस बात का एहसास हो गया कि अब भारत में उनके लिए लंबे समय तक रहना संभावना नहीं है। इस आंदोलन को अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है।कार्यक्रम के दौरान:- जिलाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता, पीसीसी सदस्य योगेश शुक्ला, महामंत्री बृजवासी तिवारी, वरिष्ठ कांग्रेसी मुख्तार अहमद, ब्लॉक अध्यक्ष अजय सिंह, भूपेंद्र यादव, सुमन दुबे, चंद्र प्रकाश राजवाड़े, बिहारी राजवाड़े, अशीष अग्रहरी, लवी गुप्ता, मोनू मांझी, विक्रांत सिंह, अन्य कांग्रेसजन उपस्थित रहे।