कोरिया टाईम्स ब्यूरो नंदू यादव
सूरजपुर/प्रेमनगर। राजस्व विभाग में प्रशासनिक कसावट नही होने से कर्मचारी खुलेआम रिश्वत की मांग कर रहे है। ऐसे ही सूरजपुर मुख्यालय के एसडीएम कार्यालय में स्थिति लिपिक देवेंद्र साहू के द्वारा सड़क चौड़ीकरण में फंसे भूमि के हितग्राहियों से दस प्रतिशत कमीशन की मांग करने का आरोप ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय में लिखित आवेदन देकर लगाया हैं।
इसी कड़ी में प्रेमनगर नगर पंचायत नगर वासियों ने हमर उत्थान सेवा समिति के माध्यम से कलेक्टर से लिखित शिकायत कर सड़क चौड़ीकरण में निजी भूमि फंसने से शासन की ओर से मिलने वाले मुआवजा में एसडीएम कार्यालय सूरजपुर के लिपिक देवेंद्र साहू के द्वारा 10 प्रतिशत की कमीशन की मांग पर आक्रोश में है। इन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन देकर मुआवजा की राशि की मांग और रिश्वत की मांग करने वाले लिपिक पर कार्यवाही की मांग की है। गौरतलब है कि नगर पंचायत प्रेमनगर, तहसील-प्रेमनगर, जिला - सूरजपुर के तारा - रामानुजनगर से प्रेमनगर सड़क चौड़ीकरण होना है. दर्जन से अधिक ग्रामीणों का निजी भूमि सड़क चौड़ीकरण में अधिग्रहण होना है. जिसका निर्माण छ॰ग० रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन अम्बिकापुर द्वारा किया गया है। जिसमे कई दर्जन नगर वासियों का भूमि अधिकरण हो रहा है. जिला प्रशासन द्वारा भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार के तहत भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। जिसमें बीते दिनों तहसील कार्यालय प्रेमनगर में अनुभागीय अधिकारी द्वारा कुछ चुनिन्दा भूमि स्वामी को मुआवजा का चेक एसडीएम के द्वारा वितरण किया गया है। ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में बताया कि जिन्हें मुआवजा राशि के चेक नहीं मिला है। वे ग्रामीण चेक लेने के लिए सूरजपुर मुख्यालय में स्थित राजस्व अनुभागीय अधिकारी कार्यालय में कई दफा कार्यालय में जा चुके जहां पदस्थ लिपिक देवेन्द्र साहू के द्वारा 10 प्रतिशत का कमीशन की मांग किया जाता है, कई माह से कार्यालय का चक्कर लगा रहे है. जबकि राजनीतिक पार्टी से तालुक्कात रखने वाले कई हितग्राहियों को मुआवजा का चेक प्राप्त हो चुका है. आगे बताया कि प्रशासन द्वारा मंगवाए गये दस्तावेज के साथ हितग्राही कार्यालय में जाते है, लिपिक देवेन्द्र साहू द्वारा 10 प्रतिशत कमीशन की मांग किया जाता है. नही देने पर आज आना कल आना कहा जाता है. अपने ज्ञापन में कमीशन की मांग करने वाले लिपिक पर कार्यवाही और मुआवजा की राशी प्रदान करने की मांग की है। बतादें कि उक्त लिपिक के द्वारा पूर्व में भी रिश्वत मांगने के आरोप लगते रहे थे, जिस कारण प्रशासन तत्कालीन कलेक्टर गौरव सिंह के द्वारा ओड़गी विकासखंड में स्थानांतरण कर दिया गया था।
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