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सूरजपुर जिला में भाजपा मंडल अध्यक्ष चुनाव को लेकर बवाल.. जिले भर में मंडल अध्यक्ष थोपने की तैयारी

कोरिया टाईम्स ब्यूरो नंदू यादव 

सूरजपुर- सत्ता में वापसी के साथ ही भाजपा अपने संगठन महापर्व के तहत सभी मंडलों में अध्यक्ष बनाने की तैयारियों में लगा हुआ है। 15 दिसंबर तक हर हाल में अध्यक्ष का घोषणा करने के लिए पार्टी द्वारा समय निर्धारित किया गया था लेकिन सूरजपुर जिला में भाजपा मंडल अध्यक्ष को लेकर जिस प्रकार से विवाद हो रहा है उसको देखते हुवे अभी तक किसी भी मंडल में अध्यक्ष का घोषणा नहीं किया गया है। वहीं बुधवार को पार्टी द्वारा घोषणा करने के लिए बैठक का आयोजन जिला मुख्यालय में किया गया था लेकिन पूरे जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध के कारण एक बार फिर से मंडल अध्यक्ष के घोषणा को टाल दिया गया है।

दअरसल जिले के तीनों विधानसभा में 07 दिसंबर को एक बैठक कर राय मशवरा से कुछ लोगों ने अपना अपना दावेदारी किया था। उस दिन के बैठक जो चुनाव पर्यवेक्षक आए थे उनके सामने सभी कार्यकर्ताओं ने कहा था कि जो नाम सामने आए हैं उन्हीं में से ही किसी को अध्यक्ष बनाया जाए कोर कमेटी के पास नाम भेज दिया गया। लेकिन ये देखने को आया है कि जिला में बैठे कुछ जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा चुनाव अधिकारी के साथ मिल कर बिना कोर कमेटी के सहमति बिनाअपने चहते लोगों को मंडल अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन को दर किनार किया जा रहा है। चुनाव अधिकारी द्वारा अलग से नाम मंगाकर उनके नामों पर मुहर लगाने की तैयारी की जा रही है।

कई जगह तो ऐसे लोगों को अध्यक्ष बनाने का तैयारी चुनाव अधिकारी द्वारा किया जा रहा है जो कि कभी भाजपा के सक्रिय सदस्य तक नहीं रहे है। पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में ना तो ऐसे लोगों को देखा गया है ना ही इन्हें कोई पहचानता है। पूरे जिले में अमूमन ऐसे ही नाम की घोषणा किए जाने की तैयारी चुनाव अधिकारी के द्वारा किया जा रहा है। जैसे ही इसका जानकारी जिले भर के कार्यकताओं को लग रहा है पूरा बवाल हो गया है और सभी जगह चुनाव अधिकारी और कुछ नेताओं के इस फैसले का विरोध होने लगा, बात यहां तक आ गया कि बुधवार को जिला मुख्यालय में होने वाले घोषणा को टाल दिया गया और अब गुरुवार को सभी मंडलों में घोषणा करने का बात निकल कर सामने आया है।

बहरहाल संगठन चुनाव को लेकर जिस प्रकार से कुछ नेता मनमानी करने पर उतारू हैं उसका परिणाम कितना घातक हो सकता है इसको सोचने वाला कोई नहीं है। वहीं चुनाव अधिकारी जो कि दूसरे जिले से है उनके द्वारा ऐसा क्यों किया जा रहा है जिसके चलते कार्यकताओं के मन में पार्टी के निराशा का भाव उत्पन्न हो रहा है ये समझ से परे है।खैर गुरुवार को अध्यक्ष पद के ऐलान के लिए होने वाले बैठक में क्या बवाल होता है ये देखने वाली बात होगी।